राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा (National Food Security) एक महत्वपूर्ण नीति है जो एक देश में आवश्यक खाद्यान्न की आपूर्ति, पहुंच और उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए अपनाई जाती है। यह नीति सरकारों द्वारा अपनाई जाती है ताकि आर्थिक रूप से कमजोर और गरीब लोगों को सस्ते और पोषणयुक्त खाद्य सामग्री की उपलब्धता हो सके।
भारत में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के तहत यह नीति प्राथमिकता दी गई है। अधिनियम के अनुसार, अधिकारियों को गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों को आवश्यक खाद्यान्न की आपूर्ति करने के लिए लागती बुनियादी मापदंडों के आधार पर खाद्य सुरक्षा कार्ड प्रदान किए जाते हैं।
इससे उन्हें सस्ती अनाज, अनाज के राशियों, दाल, तेल और अन्य पोषण सामग्री की आपूर्ति मिलती है।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा का लक्ष्य अपात्र परिवारों के लिए समर्थन और सुरक्षा सुनिश्चित करना है, ताकि हर व्यक्ति को अपने आवश्यकतानुसार पोषणपूर्ण भोजन की आपूर्ति मिले।
बुनियादी खाद्य सुरक्षा मुख्य रूप से निम्नलिखित पाँच महत्वपूर्ण पहलुओं पर आधारित होती है:
1. खाद्य आपूर्ति: यह सुनिश्चित करता है कि देश के नागरिकों को पर्याप्त मात्रा में उचित गुणवत्ता वाले खाद्यान्न की आपूर्ति होती है। यह आपूर्ति किसानों और खाद्य उत्पादन लाइन को सुनिश्चित करने के माध्यम से हासिल की जाती है।
2. पहुंच: खाद्य सुरक्षा का महत्वपूर्ण पहलू यह है कि खाद्यान्न निर्धारित समय पर लोगों तक पहुंचे। इसके लिए, आपूर्ति चैनल, गोदाम, परिवहन, वितरण और रेटेल संरचना को व्यवस्थित किया जाता है।
3. पहुंचने की क्षमता: इसे सुनिश्चित करने के लिए, खाद्य आपूर्ति के लिए संरचनात्मक और तकनीकी क्षमता की जरूरत होती है। यह मांग के अनुरूप उत्पादन, वितरण नेटवर्क, गोदाम, ट्रांसपोर्टेशन और बाजार क्षमता को सुनिश्चित करने के माध्यम से होता है।
खाद्य सुरक्षा निम्नलिखित पहलुओं पर आधारित होती है:
1. उपज की सुरक्षा: यह सुनिश्चित करती है कि खाद्य उत्पादन अधिकांश भूखमरी की आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम होता है। इसके लिए, कृषि क्षेत्र में सुरक्षित और सतत उपज का समर्थन किया जाता है, जिसमें मृदा संरक्षण, जल संरक्षण, बीज संरक्षण, कृषि तकनीक, उन्नत बीज, पशुपालन, औद्योगिक उत्पादन, औद्योगिक आपूर्ति आदि शामिल होते हैं।
2. पहुंच की सुरक्षा: इसका मकसद यह है कि खाद्य सामग्री को उचित समय पर उचित स्थान पर पहुंचाया जाए। इसके लिए, खाद्य लागत, अधिकृतीकरण, भंडारण, भंडारण संरक्षण, वितरण, लॉजिस्टिक्स, उचित परिवहन इत्यादि कार्यक्रम शामिल होते हैं।
3. पहलू की सुरक्षा: यह सुनिश्चित करती है कि खाद्य सामग्री में गुणवत्ता, पोषण और सामरिकता बरकरार रहे।